कृष्णा

कृष्णा
साहिल और कृष्णा कही से घूम के आते हैं

साहिल – बर्थडे पार्टी के लिए खरीदारी करने हम चलेंगे शाम को पक्का ना 

कृष्णा– पक्का , 

शाम हो जाती है साहिल कृष्णा को बुलाता है (अपने घर से) कृष्णा , कृष्णा कई बार मगर सामने से कोई जवाब नहीं आता तभी कृष्णा की मम्मी बताती है की कृष्णा अपनी बुआ के यह गया है साहिल कुछ नही बोलता और चुपचाप वहां से चल देता है खरीदारी करने के लिए अकेले ही थोड़ा दुखी रहता है ।
तभी सामने से कृष्णा आ जाता है 
साहिल– अरे तुम तो वापस आ गए, मैं तुम्हें बुला रहा हूं तो अपने घर से तभी तुम्हारी मम्मी ने कहा कि तुम हुआ कहां गए हो आज नहीं आओगे पर तुम तो आ गए

कृष्णा – अगर कोई मुझे दिल से पुकारे मैं ना आऊं ऐसा हो ही नहीं सकता चलो कहां चलना है

दोनों सामान की खरीदारी करने मार्केट चल देते हैं वहां पर सारा सामान निकलवा लेते हैं और केक भी तभी पैसा देना होता है पता चलता है साहिल ने पैसे गिरा दिए पैसा ढूंढने के लिए दोनों वापस भागते हैं पैसा नहीं मिलता है और साहिल दुखी हो जाता है और कृष्णा से कहता है यार अब केक नहीं खरीद पाएंगे 
कृष्णा कुछ समय तक सोचता है और कहता है तू रुक मैं अभी आया हु साहिल पूछता है कहां जा रहे हो कृष्णा साहिल को रुकने को बोल कर खुद चला जाता है थोड़ी देर बाद कृष्णा सारा सामान और केक लेकर आ जाता है साहिल पूछता है यह सब कैसे कृष्णा बस कुछ नहीं ऐसे ही मुझे दे दिया उसके बाद बर्थडे पार्टी होती है सुबह का वक्त होता है

सुबह-सुबह साहिल कृष्णा का दरवाजा खटखटा आता है कृष्णा के मम्मी पापा दरवाजा खोलते हैं अंकल आंटी यह आपका केक कृष्णा केक लाना भूल गया था अंकल आंटी बोलते हैं कृष्णा
वो तो अभी घर में नहीं आया तुम्हारे घर कहां से पहुंचा 

क्या वह बुआ के यहां फिर से चला गया साहिल ने मासूमियत से पूछा 

नहीं बेटा वह कल से ही नहीं आया 
परंतु कृष्णा रात में मेरे घर पर ही था और मेरे साथ कल सामान खरीदने मार्केट भी गया था उसने मेरे साथ पार्टी की थी और फिर घर आया था अंकल आंटी एक दूसरे को आश्चर्यचकित होकर देखते हैं और उन्हें भरोसा नहीं होता पर साहिल ने जिद किया तो अंकल आंटी इस बात को कंफर्म करने के लिए साहिल के घर जाते हैं और साहिल के मम्मी पापा ने साहिल का साथ दिया और उन्होंने कहा हां भाई साहब वह रात को हमारे घर आया था उसने साहिल के साथ खरीदारी भी की थी उसके बाद पार्टी मनाया यहां पर और आपका केक ले जाना भूल गया उसने साहिल को गिफ्ट भी दिया था यह देखिए बंसी घरवाले आश्चर्यचकित होकर एक दूसरे को देखने लगते हैं बात उलझती जाती है तब भी साहिल कहता है अगर आपको भरोसा ना हो अंकल आंटी तो मैं मार्केट चलकर आपको केक वाले से पुछ्वा दू 

और हां कल शाम को हमारा केक वाला पैसा गिर गया था उसके बाद कृष्णा अपने से खरीद कर लाया था यह पूरा सामान सब बड़े आश्चर्य चकित हो जाते हैं सब पूछने के लिए केक वाले के पास की में जाते हैं पता चलता है वहां पर जब कृष्णा आया था तो उसके पास पैसे तो नहीं थे पर उसने पैसे की जगह एक चमचमाती बंसी दे दी थी और कहा कि आज लेने आएगा पैसा देकर बंसी ले जाएगा सब आश्चर्यचकित हो जाते हैं 

तभी कृष्णा बुआ के यहां से वापस आ जाता है सब पूछते हैं बेटा तुम कल यहां आए थे तो कृष्णा ने माना कर दिया कृष्णा के साथ बुआ का लड़का होता है और वह बताता है कल हम लोग साथ में ही थे उसके बाद सब कंफ्यूज हो जाते हैं और साथ में आश्चर्यचकित भी हो जाते हैं

कृष्णा कल से जब बुआ के यहां था तो साहिल के साथ कौन घूम रहा था और रात में बर्थडे किसने मनाया यह बंसी किसने दी और खरीदारी किसने करवाया तभी दुकानदार बात कंफर्म करने के लिए कबर्ड से बंसी निकालने की कोशिश करता है पर वहां पर बंसी नहीं थी बल्कि सोने की अंगूठी रखी थी सब आश्चर्यचकित हो जाते हैं और फिर बात उनके समझ में आ जाती है

 कि साहिल कृष्णा को तो लेकर घूम रहा था पर वो कृष्णा भगवान थे साहिल सच्चे मन से कृष्णा को बुलाया तो कृष्णा आगये सब भावुक हो जाते है

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